भारतीय संविदा अधिनियम,1872 ( The indian contract act 1872 )
(Act No 9 of 1872)
- भारतीय संविदा अधिनियम,1872 को 25 अप्रैल 1872 को पारित किया गया था ।
- भारतीय संविदा अधिनियम,1872 को दो भागो में विभाजित किया जा सकता है :-
1 संविदा 1 ( प्रथम भाग ) - धारा 1 से 75 तक [ विधि का सामान्य सिद्धांत ]
2 संविदा 2 ( द्वितीय भाग ) - धारा 124 से 238 तक [ क्षतिपूर्ति की संविदा,प्रत्याभूति की संविदा ,उपनिधान , आदि ]
* धारा 76 से 123 तक तथा धारा 239 से 266 तक = निरसित
संविदा विधि का उद्देशय : ANSON के अनुशार - संविदा विधि विधि की वह शाखा है जो उन परिस्थितियों को अवधारित करती है जिसमे कोई प्रतिज्ञा उस व्यक्ति पर विधिक रूप से आबद्धकर होगी जिसने (प्रतिज्ञा ) की है
महत्वपूर्ण प्रश्न:-
Q.भारतीय भारतीय संविदा अधिनियम,1872का विस्तार :
A. सम्पूर्ण भारत है
Q.भारतीय भारतीय संविदा अधिनियम,1872का विस्तार :
A. 1872
Q.भारतीय संविदा अधिनियम,1872 लागू हुआ :
A. १ सितंबर १८७२
Q. संविदा के आवश्यक तत्व है?
A.संविदा के आवश्यक तत्व 2 है (करार और करार विधि द्वारा प्रवर्तनीय हो)
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